सुबह का नाश्‍ता छोड़ा तो ये होगी परेशानी

सुबह का नाश्‍ता छोड़ा तो ये होगी परेशानी

सेहतराग टीम

अंग्रेजों की पुरानी कहावत है, सुबह का नाश्‍ता राजा की तरह, दिन का खाना आम आदमी की तरह और रात का भोजन भिखारी की तरह करने से शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। इस कहावत का अर्थ ये है कि सुबह काम पर निकलने से पहले शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है इसलिए सुबह के नाश्‍ते में सारी अच्‍छी और पौष्टिक चीजें खानी चाहिए। दिन में भोजन उतना ही होना चाहिए जितने से शेष दिन के लिए ऊर्जा की जरूरत पूरी हो जाए और रात में तो शरीर को सिर्फ आराम करना होता है इसलिए बिलकुल कम भोजन से शरीर का काम चल जाता है। ये कहावत कही भले ही अंग्रेजों ने हो मगर ये भारतीयों पर भी उतना ही लागू होती है क्‍योंकि डॉक्‍टरों ने पाया है कि सुबह का नाश्‍ता छोड़ने वालों का बॉडी मास इंडेक्‍स बढ़ सकता है और इसके कारण लंबे समय में उनके मोटे होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

क्‍यों बढ़ जाता है वजन

दरअसल आजकल की जीवनशैली में अधिकांश युवा काम-काज या गैजेट के इस्‍तेमाल के चक्‍कर में रात में देर से सोते हैं और इसके कारण वो सुबह देर से उठते हैं। देर से उठने के कारण ऑफ‍िस जाने की हड़बड़ी में वो नाश्‍ता छोड़ देते हैं और सोचते हैं कि दिन में कुछ हैवी खा लेंगे। बस यहीं गलती हो जाती है क्‍योंकि दिन में हैवी खाने के चक्‍कर में वो अस्‍वास्‍थ्‍यकर और ज्‍यादा फैट वाला तला-भुना खाना खा लेते हैं और इसके कारण उनका वजन बढ़ जाता है।

डायबिटीज के मरीजों रखें खास ध्‍यान

टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए तो सुबह का नाश्‍ता छोड़ना कुछ ज्‍यादा ही खतरनाक हो सकता है। नए अध्‍ययनों ने साबित किया है कि टाइप 2 डायबिटीज के ऐसे मरीज जो अपना नाश्‍ता करने में देर करते हैं उनका बीएमआई बढ़ने की आशंका ज्‍यादा होती है। लंबे समय में इसकी वजह से और जटिलताएं हो सकती हैं इसलिए इस बात पर जोर दिए जाने की जरूरत है कि डायबिटीज के मरीज ही नहीं आम लोग भी अपना हर भोजन वक्‍त पर खाएं। ये ध्‍यान रखने की जरूरत है कि मोटे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा आम लोगों के मुकाबले 3 से 7 गुना तक ज्‍यादा होता है। यदि किसी व्‍यक्ति का बीएमआई 35 से अधिक हो तो उसे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा 20 गुना तक बढ़ जाता है।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल ने कहा कि भारतीयों में कमर का घेरा ज्‍यादा होने की टेंडेंसी होती है और कमर का ये घेरा इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम कर सकता है। कमर के इस घेरे का मुख्‍य कारण आज की जीवनशैली है। तेज रफ्तार जीवन में लोग सुबह के स्‍वास्‍थ्‍यकर नाश्‍ते को छोड़कर दिनभर फास्‍ट फूड खाने में जुटे रहते हैं। ये समझने की जरूरत है कि स्‍वस्‍थ्‍य भोजन और हल्‍के या सामान्‍य कसरत के जरिये शरीर के वजन को 5 फीसदी तक कम करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 50 फीसदी तक घट जाता है। इसी प्रकार जो लोग डायबिटीज के शिकार नहीं बने हैं उन्‍हें भी समय रहते स्‍वथ्‍य जीवनशैली की ओर मुड़कर अपने बीएमआई को नियंत्रित करना चाहिए।

सुझाव

रोज व्‍यायाम करें और तीनों वक्‍त स्‍वास्‍थ्‍यकर भोजन करें। नियमित रूप से अपने शरीर के ब्‍लड ग्‍लूकोज की जांच करवाएं। रिफाइंड चीनी का सीधा इस्‍तेमाल कभी न करें क्‍योंकि ये आसानी से खून में मिल जाती है और डायबिटीज की जटिलताओं को बढ़ा देती है। तनाव को घटाने के लिए मेडिटेशन और योग का सहारा लें।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।